“हमले से न खुश ट्रंप, न रूबियो – नेतन्याहू बोले, चलो आगे बढ़ते हैं!”

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो इन दिनों यरूशलम में इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के साथ गहन वार्ता कर रहे हैं, और जैसे ही कैमरे ऑन हुए – मुस्कुराहटें खिल उठीं। पर अंदरखाने मामला गंभीर है।

कतर में हमास पर हमला, और ट्रंप की ‘डिप्लोमैटिक नाराज़गी’

पिछले हफ्ते इसराइल द्वारा कतर में हमास नेताओं को निशाना बनाए जाने के बाद दुनिया भर में हंगामा मच गया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो आमतौर पर ‘इसराइल समर्थक क्लब’ के प्रेसिडेंट रहे हैं, ने भी इसे लेकर चिंता जताई।

“ज़ाहिर है हम इससे खुश नहीं हैं,” – रूबियो बोले, जैसे कोई बारहवीं का छात्र प्रिंसिपल को कह रहा हो, “सर मैं नहीं था, मेरे दोस्त ने किया!”

“अब आगे बढ़ो!” – नेतन्याहू का वर्जन ऑफ ‘Let’s Move On’

मुलाकात में नेतन्याहू का अंदाज़ कुछ ऐसा था:

“हां-हां, हमला हुआ, गलती हुई होगी, लेकिन अब ‘बायगॉन्स बी बायगॉन्स’ करो!”

राजनीति में ये नया फॉर्मूला है – “हम गलत नहीं हैं, आप ज़्यादा सोच रहे हैं।”

अरब देशों का गुस्सा और ‘Support Qatar Summit’

उधर अरब देशों ने फौरन “Qatar Solidarity Summit” बुला लिया। एक-दूसरे को गले मिलते हुए बयान दिए गए कि:

दोहरे मापदंड बंद करो। इसराइल को सज़ा दो।”

दोहरे मापदंड? नहीं नहीं, वो तो केवल मौसम और मीडिया बदलते हैं। पश्चिमी दुनिया में “Hypocrisy” को डिप्लोमेसी भी कहते हैं।

डिप्लोमैसी या Damage Control?

रूबियो और नेतन्याहू की मीटिंग असल में “Damage Control Summit” जैसा लग रहा है, जहां असल एजेंडा है:

  • अमेरिका बोलेगा – “हम नाराज़ हैं”

  • इसराइल कहेगा – “माफ़ कर दो”

  • दोनों मिलकर बोलेंगे – “अब आगे बढ़ते हैं”

यानि गाड़ी वापस उसी मोड़ पर, बस ड्राइवर बदल गया है।

इस पूरी कहानी में एक कॉमन लाइन बार-बार सुनाई देती है – “हम खुश नहीं हैं, लेकिन…”

यह “लेकिन” ही है जो दुनिया की राजनीति को आज इस हालत में ला चुका है। हमले होते हैं, बयान आते हैं, फिर मीटिंग होती है, और फिर सब भूलकर “आगे बढ़ने” की अपील होती है।

कह सकते हैं:

डिप्लोमेसी का पहला नियम – ग़लती किसी की भी हो, पर चेहरे पर मुस्कान रहनी चाहिए।”

पत्रकार: सर, आप इस हमले से नाखुश हैं?

रूबियो: हां, पर नेतन्याहू ने मुझे हुमस खिलाया था, अब मैं नॉर्मल हूँ।

“मैच जीत लिया तो चर्चा बेकार है?” – प्रियंका जी का नया स्पोर्ट्स लॉजिक

Related posts

Leave a Comment